Massive crowd may be the indication to change”Bishnoi wins Hisar bypolls”

public indiacate change

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 This crowd trys to say sumthing....

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हजकां BJP गठबंधन की भीड़ कुछ कह रही है

हजकां के कार्यक्रमों-रैलियों में जनता ने बढ़-चढक़र हिस्सा लेकर इसका मुजाहिरा भी किया। हजकां के स्थापना दिवस (2 दिसंबर) को सिरसा में हुई जनसमर्थन महारैली में जब लाखों की भीड़ कुलदीप को सुनने के लिए इक हुई, तो एक बार कुलदीप भी अचंभित हो गए थे।

प्रदेश के मुयमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी तारीफों के पुल बांधने में कभी नहीं चुकते हैं लेकिन 2 दिसंबर को हरियाणा जनहित कांग्रेस की सिरसा में हुई रैली में पहुंचे लाखों लोगों की भीड़ कांग्रेस सरकार की
कार्यशैली से खुश नहीं दिखी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा एक के बाद एक अलोकतांरक फैसल करन और इंडियन नेशनल लोकदल के कर्ताधर्ता चौटाला बंधुओं पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के कारण राज्य में हजकां-भाजपा गठबंधन का राजनीतिक ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हरियाणा में एक पार्टी है- हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां)। प्रदेश की राजनीति में कद्दावर नेता रहे स्व. चौधरी भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई इस पार्टी के सर्वेसर्वा हैं। मजबूत राजनीतिक विरासत होने के बावजूद
अपनी नई पार्टी के गठन के शुरूआती वर्षों में कलुदीप को वसैा जनसमथर्न नही मिला, जिसकी वह उ मीद कर रहे थे, लेकिन अब जब प्रदेश की जनता यह समझने लगी है कि कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता भ्रष्टाचार में आकंड डूबे हुए हैं और इन दलों में परिवारवाद हावी है, तब लोगों की उ मीदें हजकां से बढऩे लगी हैं। हजकां के कार्यक्रमों-रैलियों में जनता ने बढ़-चढक़र हिस्सा लेकर इसका मजुाहिरा भी किया। हजका के स्थापना दिवस (2 दिसंबर) को सिरसा में हुई जनसमर्थन महारैली में जब लाखों की भीड़ कुलदीप को सुनने के लिए इक हइुर्, तो एक बार कलुदीप भी अचंभत हो गए थे। उन्हें भी उ मीद नहीं थी कि उन्हें और उनकी पार्टी को इतना ज्यादा जनसमथर्न मिलगेा। रलैी म आर्इ भीड क़ो दखेकर गदगद हएु कलुदीप ने कहा कि यह भीड़ जुटाई हुई नहीं है, बल्कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नीतियों से तंग आकर लोग स्वयं उनके साथ जुड़ रहे हैं। पांच साल पहले हुड्डा के गृह स्थान रोहतक में हुड्डा ग्राउंड में जनहित रैली में जब पूरे- प्रदेश से ला लोगों ने हिस्सा लिया था तो राज्य की समस्त जनता ही नहीं राजनीति के तमाम दिग्गजों ने माना था कि इनती बड़ी रैली पहले क नहीं हुई पर पांच साल बाद फिर लोगों का वही हुजूम सिरसा के दशहरा ग्राउंड में दे कर लोग अचं त रह गये साथ ही राजनीति में चाल ला दिया है। दरअसल हरियाणा की राजनीति को समझने वाले बताते हैं कि प्रदेश की सत्ता में अब तक कांग्रेस और इनेलो का ही कब्जा रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों से प्रदेश की जनता नए नेतृत्व की तलाश में थी, जो अब लगता है कि कुलदीप पर जाकर खत्म हुई है। दरअसल कांग्रेस और इनेलो में से जो भी सत्ता में आया, उसने अंधा बांटे रेवडिय़ां, फिर-फिर अपनों को दे कहावत को ही चरितार्थ किया। सरकारी योजनाओं व संसाधनों को इस तरह खुलेआम लूटा गया कि जनता हतप्रभ रह गइर्। राज्य की मौजदूा हालत पर कलुदीप कहते हैं कि कांग्रेस के वर्तमान शासन में जाति व क्षत्र्ेा के नाम पर भदेभाव को बढा़वा दिया गया है। इसके अलावा गुंडाराज, महंगाई, भ्रष्टाचार से प्रदेश की जनता तंग आ चुकी है।
जनता के आशीर्वाद से हजकां के गठन के पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने कांग्रेस सरकार के विरूद्ध आम जनता का साथ देते हुए डट कर संघर्ष किया है। अगर जनता ने आगे भी इसी तरह साथ देते हुए हजकां-भाजपा गठबन्धन को सत्ता सौंपी, तो वे राजनीति के मायने ही बदल देंगे। इतनी बड़ी सं या में किसी रैली में महिलाओं की सं या पहले क नहीं दि । रैली में पुरूषों के समान ही महिलाओं में जोश दे ने को मिला। हरियाणा में महिलाओं
की स्थिति पर दिए गए षणों पर महिलाओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ समर्थन किया। बहरहाल, हजकां की सिरसा में हुई रैली में जिस तरह लोगों का हुजूम पहुंचा, उससे कुलदीप काफी उत्साहित हैं और उनका कहना है कि वे अन्य जगहों में भी ऐसी रैलियां आयोजित करेंगे। सोनीपत संसदीय क्षेत्र के हजकां प्रभारी जोगेंद्र कालवा ने कहा कि हजकां-भाजपा का ग्राफ प्रदेश में बढ़ता जा रहा है। हजकां सुप्रीम कुलदीप बिश्नोई 36 बिरादरी के नेता हैं और वे सभी बिरादरियों को साथ लेकर चलते हैं। कुलदीप युवाओं के भी सच्चे हितैषी हैं और वे ही युवाओं के हितों की रक्षा करने में सक्षम हैं। बहरहाल, अभी भी कुलदीप को राजनीति में लंबा रास्ता तय करना है। इस रास्ते पर भाजपा उनसे कंधे से कंधा मिलाकर जरूर चल रही है, लेकिन हरियाणा में भाजपा का ज्यादा वजूद नहीं है, इसलिए जानकारों का कहना है कि अभी कुलदीप को और मेहनत करने की जरूरत है। जानकारों के मुताबिक यदि हजकां-भाजपा गठबंधन प्रदेश की सत्ता में काबिज होगा, तो उसका पूरा श्रेय कुलदीप की मेहनत को जाएगा। दरअसल दिल्ली में भाजपा के नेता देश की राजनीति को बदलने के बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली से सटे हरियाणा की सुध लेने की फुर्सत नहीं मिलती है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज खुद को प्रधानमंत्री का स्वभाविक प्रधानमंत्री बताती हों, लेकिन उनके गृहराज्य में उनकी पार्टी की क्या हालत है, यह जानने का उनके पास समय ही नहीं है। वह स्वयं भी चुनाव हरियाणा से नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश से लड़ती हैं। वैसे कहते हैं कि यह बात कुलदीप भी बखूबी समझते हैं कि उन्हें भाजपा से ज्यादा उ मीद करने की बजाय अपने प्रयासों से इस गठबंधन को सत्ता दिलानी है। बहरहाल, इस पर राजनीतिक पंडितों की नजरें लगी हुई हैं कि प्रदेश में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में कुलदीप क्या कमाल दिखाते हैं।

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